Ads2

Wednesday, 27 September 2017

दक्षिण भारत का इतिहास by bajrang Lal




 दक्षिण भारत का इतिहास


 महापाषाणिक ( मेगालिथिक)  पृष्ठभूमि



 प्रायद्वीपीय भारत के उच्च भागों में वे  लोग बसते थे जो महापाषाण निर्माता कहलाते थे ।  उनका पता उनकी कब्रों से चलता है जो महापाषाण कहलाती हैं ।


 इन   कब्रों को  महापाषाण इसलिए कहते हैं कि इन्हें बड़े-बड़े पत्थरों के टुकड़ों से घेर दिया जाता था ।

 इन कब्रों  में दफनाए गए लोगों के न केवल अस्थि पंजर ही बल्कि  मृदभांड और लोहे की वस्तुओं में भी मिलती है ।  जिनमें लाल एवं काला मृदभांड अधिक प्रचलित हैं ।


         पल्लव वंश

 इक्षवाकुओं  को अपदस्थ कर उनकी जगह पल्लव आए ।

 पल्लवों  ने अपनी राजधानी  कांची में बनाई ।

 प्रमुख पल्लव शासक

 वप्पदेव --  यह पल्लव वंश का संस्थापक था ।

 सिंह विष्णु  --- इसे पहला महत्वपूर्ण पल्लव राजा माना जाता है ।

 किरातार्जुनीयम तथा दशकुमारचरितम् के लेखक भारवि सिंह  विष्णु के दरबार में रहते थे ।

 महेंद्रवर्मन प्रथम.





 पल्लव वंश का उत्कृष्ट महेंद्र वर्मन प्रथम के शासन के साथ शुरू हुआ ।

 इसके शासनकाल में पल्लव तथा चालुक्यों के बीच लंबा संघर्ष शुरू हुआ  । पुलकेशिन द्वितीय ने इसे पराजित किया ।

 महेंद्र वर्मन प्रथम ने मतविलास प्रहसन की रचना की ।


 वास्तु कला के क्षेत्र में उसने मंडप शैली को प्रारंभ किया ।

 प्रारंभ  में वह  जैन मतानुयायी  था परंतु नयनार संत अप्पार  से प्रभावित होकर उसने शैव धर्म को अपनाया ।


 नरसिंह वर्मन प्रथम

 यह महान पल्लव शासक था  , जिसने पुलकेशिन द्वितीय की हत्या कर बादामी पर अधिकार कर लिया ।

 अतः उसने वातापीकोण्डा की उपाधि धारण की ।


 उसने मामल्लपुरम नामक नगर बसाया ।

 हेनसांग ने इसी के शासनकाल में कांची की यात्रा की थी ।

 नरसिंहवर्मन द्वितीय

 इसका शासन काल शांति , समृद्धि तथा मंदिरों के निर्माण का काल था ।


 दण्डिन  नामक विद्वान इन्हीं के दरबार में रहता था ।

 इसने कांची के कैलाशनाथ मंदिर का निर्माण करवाया ।


 नंदी वर्मन द्वितीय

यह वैष्णव धर्म का अनुयाई था  ।

इसने राष्ट्रकूट शासक दंतिदुर्ग की पुत्री रेवा से शादी की ।


 अपराजित

यह पल्लवों का अंतिम महत्वपूर्ण शासक था ।

 चोल शासक आदित्य चोल ने  अपराजित पल्लव पर आक्रमण कर अलग राज्य पर अधिकार कर लिया ।


 महेंद्र वर्मन ---  मण्डप शैली

 नरसिंह वर्मन प्रथम ------  मामल्ल  शैली

 नरसिंह वर्मन द्वितीय -----  राजसिंह शैली

 नंदी वर्मन द्वितीय --- नंदी वर्मन शैली ।

[28/09, 07:50] B L Nayak

चालुक्य वंश

 वातापी (बादामी ) के चालुक्य

 जयसिंह बादामी  के चालुक्य वंश का संस्थापक था ।

 जयसिंह क़दम्बों  के अधीन शासक था ।

 पुलकेशिन प्रथम--

 बादामी के चालुक्य का उत्कर्ष पुलकेशिन प्रथम के समय में हुआ ।

 उसने बीजापुर के निकट वातापी ( बादामी)  को अपनी राजधानी बनाई थी ।

 कीर्तिवर्मन प्रथम

इसने क़दम्बों  को नष्ट कर दिया और गोवा पर अधिकार कर लिया ।

 पुलकेशिन द्वितीय

यह इस वंश का महान शासक था जिसने हर्ष के विजय अभियान को नर्मदा नदी के तट पर रोका था ।

 उसने रविकीर्ति से ऐहोल अभिलेख लिखवाया जिसकी भाषा संस्कृत एवं लिपि ब्राह्मी है ।

 कीर्तिवर्मन द्वितीय इस वंश का अंतिम शासक था ,  जिसे राष्ट्रकूट शासक दंतिदुर्ग ने पराजित कर अपनी सत्ता की स्थापना की ।


 चालुक्यों का योगदान

 चालुक्यों ने  वास्तुकला के क्षेत्र में दक्कन या बेसर शैली का विकास हुआ ।

 बेसर शैली -- द्रविड़ शैली एवं नागर शैली का मिश्रण




 एहोल --एहोल को मंदिरों का शहर कहा जाता है ।
 यहां 70 मंदिरों के साक्ष्य  से मिले हैं जिसमें  4  दर्शनीय हैं --  लाडखान मंदिर ,  हसीमल्लीगुड़ी  मंदिर , दुर्गा मंदिर एवं , मेगुती  का जैन मंदिर ।


 बादामी का मेलागित्ती  शिवालय ।

पापनाथ मंदिर

विरुपाक्ष मंदिर -- इसे  विक्रमादित्या  द्वितीय की रानी लोकमहादेवी ने बनवाया था ।

 त्रिलोककेश्वर महादेव मंदिर -- इसे  विक्रमादित्या  द्वितीय की दूसरी रानी त्रिलोक महादेवी ने बनवाया था ।


 वेंगी के चालुक्य

 पुलकेशिन द्वितीय ने आंध्र को जीतकर अपने भाई विष्णुवर्धन को दिया , जिसने  वेंगी के चालुक्य वंश की स्थापना की ।


 इस वंश के अन्य महत्वपूर्ण शासक थे --  विजयादित्य ,  विष्णुवर्धन चतुर्थ  ,   विजयादित्य द्वितीय ,  विजयादित्य तृतीय , गुणग ,  और भीम प्रथम ।



 कल्याणी के चालुक्य

इस वंश की स्थापना तैलप द्वितीय ने की थी ,  इसने राष्ट्रकूट राजा कर्क द्वितीय को मारकर इस वंश
की स्थापना की थी ।

 तैलप  द्वितीय की राजधानी मान्यखेट थी , सोमेश्वर द्वितीय अपनी राजधानी मान्यखेट  से कल्याणी   ले  गया ।




 विक्रमादित्य चतुर्थ इस  वंश का एक महान शासक था ,  विक्रमांकदेवचरित के लेखक विल्हण तथा मिताक्षरा के लेखक विज्ञानेश्वर इसी के दरबार में रहते थे ।

 सोमेश्वर तृतीय के काल में चालुक्य राज्य बिखरने लगा ।

No comments:

Post a Comment

Indian rivers part1

1. वह कौन सी नदी है जो एक भ्रश घाटी से होकर बहती है? गोदावरी नर्मदा कृष्णा महानदी 2. प्रायद्वीपीय भारत की सबसे बड़ी नदी कौन सी है? ...